विश्व एवं भारत का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह बना : SCOT-Space Camera for Object Tracking
भारत ने अपने अंतरिक्ष मिशन में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। देश का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह SCOT (Space Camera for Object Tracking), जिसे बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप दिगंतरा एयरोस्पेस ने विकसित किया है, अब पूरी तरह से परिचालन में है। यह उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रही छोटी से छोटी वस्तुओं की निगरानी करने में सक्षम है, जिससे अंतरिक्ष में सुरक्षित संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
SCOT उपग्रह का प्रक्षेपण और परिचालन
SCOT उपग्रह को 14 जनवरी, 2025 को स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-12 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया था। इसके बाद यह उपग्रह 8 मार्च, 2025 से पूरी तरह से परिचालन में आ गया। लॉन्च के पहले ही दिन SCOT ने दक्षिण अमेरिका के ऊपर से गुजरते समय ब्यूनस आयर्स शहर की स्पष्ट तस्वीरें लीं, जिससे इसकी उन्नत तकनीक और कार्यक्षमता का प्रमाण मिला।

SCOT की खासियतें
- SCOT उपग्रह पांच सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तुओं का भी सटीक रूप से पता लगाने में सक्षम है।
- यह उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थित वस्तुओं और अंतरिक्ष मलबे की निगरानी करेगा।
- इससे उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष मिशनों की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा।
- उपग्रह की उन्नत ट्रैकिंग प्रणाली से संभावित टकरावों और खतरों से पहले ही सतर्कता बरती जा सकेगी।
SCOT दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह
SCOT केवल भारत का ही नहीं, बल्कि दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह (Commercial Space Surveillance Satellite) है। इससे पहले अमेरिका और रूस जैसे देशों ने सैन्य और सरकारी उद्देश्यों के लिए निगरानी उपग्रह तैनात किए थे, लेकिन SCOT पहला ऐसा उपग्रह है जिसे व्यावसायिक उपयोग (Commercial Use) के लिए लॉन्च किया गया है। SCOT की यह क्षमता अंतरिक्ष में टकराव से बचाव, कक्षा में वस्तुओं की स्थिति पर नजर रखने और अंतरिक्ष संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
दिगंतरा एयरोस्पेस की भूमिका
दिगंतरा एयरोस्पेस ने उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भारत की पहली अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरूकता (SSA) वेधशाला भी स्थापित की है। इस वेधशाला के माध्यम से पृथ्वी की कक्षा में मौजूद वस्तुओं की सटीक स्थिति और उनकी कक्षा में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी की जाएगी। इससे अंतरिक्ष मलबे और अन्य खतरों का पूर्वानुमान लगाना संभव होगा, जिससे टकराव और नुकसान से बचा जा सकेगा।
भारत की अंतरिक्ष निगरानी में बढ़त
SCOT उपग्रह के सफल प्रक्षेपण और संचालन से भारत की अंतरिक्ष निगरानी क्षमताओं में बड़ा विस्तार हुआ है। इससे न केवल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तकनीकी दक्षता को मजबूती मिली है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की उपस्थिति भी सशक्त हुई है। वाणिज्यिक उपग्रह निगरानी के इस कदम से भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित होगी।
👉 SCOT के प्रक्षेपण के साथ, भारत ने अंतरिक्ष में सुरक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की भूमिका और भी मजबूत होगी। 🌍🚀
दिगंतरा एयरोस्पेस: भारत का अग्रणी अंतरिक्ष स्टार्टअप
दिगंतरा एयरोस्पेस की स्थापना वर्ष 2018 में अनिरुद्ध शर्मा और राहुल रावत द्वारा की गई थी। कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक, भारत में स्थित है। यह एक अग्रणी अंतरिक्ष स्टार्टअप है, जो अंतरिक्ष निगरानी और सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। कंपनी ने हाल ही में दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह, SCOT (Space-based Space Surveillance), सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है।
For More Information – https://www.digantara.co.in/
SCOT उपग्रह की प्रमुख विशेषताएं:
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प्रक्षेपण तिथि: 14 जनवरी, 2025, स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-12 रॉकेट के माध्यम से।
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परिचालन शुरूआत: 8 मार्च, 2025, जब उपग्रह ने दक्षिण अमेरिका की तस्वीरें लीं।
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क्षमता: पृथ्वी की निचली कक्षा में 5 सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तुओं की निगरानी करने में सक्षम, जिससे अंतरिक्ष मलबे और टकराव के खतरों को कम किया जा सके।
प्रधानमंत्री की सराहना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन SCOT की सफलता के लिए दिगंतरा एयरोस्पेस की प्रशंसा की है, इसे भारत के बढ़ते अंतरिक्ष उद्योग में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया है।
अन्य उपलब्धियां:
दिगंतरा ने उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भारत की पहली अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरूकता (SSA) वेधशाला स्थापित की है, जो पृथ्वी की कक्षा में मौजूद वस्तुओं की सटीक स्थिति और उनकी कक्षा में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी करती है।
भविष्य की योजनाएं:
दिगंतरा एयरोस्पेस का उद्देश्य अंतरिक्ष सुरक्षा को बढ़ावा देना, ट्रैफिक प्रबंधन को अनुकूलित करना और राष्ट्रीय सुरक्षा पहलों में सहायता करना है। कंपनी ने हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग की कई एजेंसियों के साथ अनुबंध किए हैं और कोलोराडो में एक विनिर्माण सुविधा स्थापित करने की योजना बना रही है।
निष्कर्ष:
दिगंतरा एयरोस्पेस ने अंतरिक्ष निगरानी और सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में वृद्धि हुई है और वैश्विक स्तर पर देश की प्रतिष्ठा मजबूत हुई है।
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