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RBI ने दूसरी बार Repo Rate में की 2.5% की कटौती

🔔 RBI ने दूसरी बार घटाया Repo Rate – क्या होगा असर?

“RBI द्वारा अप्रैल 2025 में जारी मौद्रिक नीति की प्रमुख दरों में बदलाव की जानकारी”

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर Repo Rate में कटौती की है। इस बार 0.25% की कमी की गई है, जिससे अब रेपो रेट घटकर 6.00% हो गया है। यह लगातार दूसरी बार है जब RBI ने ब्याज दरों में कटौती की है।


📉 क्यों की गई यह कटौती?


🏦 इसका क्या असर होगा आम लोगों पर?


🔮 आगे क्या हो सकता है?

अगर आर्थिक हालात नहीं सुधरे, तो भारतीय रिज़र्व बैंक आगे भी रेपो रेट में कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल के अंत तक रेपो रेट और घटकर 5.5% तक आ सकता है।


निष्कर्ष:

भारतीय रिज़र्व बैंक का यह कदम देश की धीमी होती अर्थव्यवस्था को सहारा देने की कोशिश है। इससे न केवल लोन लेने वालों को राहत मिलेगी, बल्कि बाजार में मांग और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, जो भारत की आर्थिक सेहत को बेहतर बना सकता है।

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📌 Repo Rate (रेपो रेट) क्या होता है?

रेपो रेट वह दर (ब्याज) होती है, जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक देश के अन्य बैंकों को कम समय के लिए पैसा उधार देता है। जब बैंकों को पैसों की जरूरत होती है, तो वे RBI से कर्ज लेते हैं और उसके बदले में कुछ सरकारी बॉन्ड गिरवी रखते हैं। इस कर्ज पर जो ब्याज लगता है, वही रेपो रेट कहलाता है।


🎯 Repo Rate क्यों जरूरी है?

“Repo Rate की भूमिका और इसके असर को दर्शाने वाला सूचना-आधारित चित्र।”

⚙️ रेपो रेट के बदलाव का असर क्या होता है?

🔻 अगर रेपो रेट घटता है:
🔺 अगर रेपो रेट बढ़ता है:

निष्कर्ष:

रेपो रेट एक अहम टूल है, जिसकी मदद से RBI देश की आर्थिक चाल को नियंत्रित करता है। इससे न केवल बैंकिंग सेक्टर, बल्कि आम जनता, बिज़नेस, और महंगाई पर भी बड़ा असर पड़ता है।

For More Information – https://www.rbi.org.in/


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