IRCTC और IRFC बने 25th और 26th CPSE नवरत्न

हाल ही में, भारत सरकार ने भारतीय रेलवे कैटरिंग और पर्यटन निगम (IRCTC) और भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) को ‘नवरत्न’ का दर्जा प्रदान किया है, जिससे ये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSEs) में 25वें और 26वें नवरत्न बन गए हैं। IRCTC रेल मंत्रालय के तहत एक CPSE है, जिसने वित्त वर्ष 2023-24 में ₹4,270.18 करोड़ का वार्षिक कारोबार, ₹1,111.26 करोड़ का शुद्ध लाभ (PAT), और ₹3,229.97 करोड़ की निवल संपत्ति दर्ज की है। वहीं, IRFC ने वित्त वर्ष 2023-24 में ₹26,644 करोड़ का वार्षिक कारोबार, ₹6,412 करोड़ का शुद्ध लाभ (PAT), और ₹49,178 करोड़ की निवल संपत्ति दर्ज की है। ‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से इन कंपनियों को निवेश और रणनीतिक विस्तार के लिए सरकारी मंजूरी के बिना अधिक स्वायत्तता और निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलती है, जिससे वे उच्च-मूल्य निवेश और रणनीतिक विस्तार कर सकती हैं। इस उन्नयन के बाद, सभी सात सूचीबद्ध रेलवे सार्वजनिक उपक्रमों को ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त हो गया है, जो भारतीय रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों की समग्र प्रगति को दर्शाता है। इस घोषणा के बाद, IRFC और IRCTC के शेयरों में क्रमशः लगभग 4% और 0.7% की वृद्धि देखी गई, जो निवेशकों के सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह उन्नयन इन कंपनियों की वित्तीय और परिचालन स्वायत्तता को बढ़ाता है, जिससे वे बिना सरकारी मंजूरी के उच्च-मूल्य निवेश और रणनीतिक विस्तार कर सकती हैं। IRCTC और IRFC को ‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से उनकी परिचालन क्षमता और बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी, जिससे भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

IRCTC और IRFC के बारे में  

IRCTC – Indian Railway Catering and Tourism Corporation

 "IRCTC का आधिकारिक लोगो और पूरा नाम – Indian Railway Catering and Tourism Corporation"
“IRCTC का आधिकारिक लोगो, जो भारतीय रेलवे की कैटरिंग और टूरिज्म सेवाओं का प्रतिनिधित्व करता है।”   For More Informaion –                               https://www.irctc.co.in/

IRCTC (भारतीय रेलवे कैटरिंग और पर्यटन निगम) क्या है?

👉 IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) भारतीय रेलवे की एक सहायक कंपनी है, जो कैटरिंग (भोजन सेवा), ऑनलाइन टिकट बुकिंग, और पर्यटन सेवाओं को संभालती है। यह रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ देने और रेलवे को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए बनाई गई थी।


IRCTC की स्थापना और मुख्य कार्य

📅 स्थापना: 27 सितंबर 1999
🏢 मुख्यालय: नई दिल्ली
📌 स्वामित्व: भारत सरकार के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी
📈 शेयर मार्केट लिस्टिंग: IRCTC को 2019 में BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्ट किया गया।

IRCTC के मुख्य कार्य:

1️⃣ ऑनलाइन टिकट बुकिंग:

  • IRCTC की वेबसाइट और ऐप से ई-टिकट (E-Ticket) और तत्काल टिकट बुक की जा सकती है।
  • यह IRCTC Next Generation e-Ticketing System के तहत संचालित होता है।

2️⃣ Catering (भोजन सेवा):

  • ट्रेन में यात्रा के दौरान खाद्य सेवा और रेलवे स्टेशनों पर खानपान की जिम्मेदारी IRCTC की होती है।
  • ई-कैटरिंग सेवा के तहत यात्री अपनी पसंद का खाना ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।

3️⃣ पर्यटन (Tourism Services):

  • IRCTC रेलवे टूर पैकेज, धार्मिक यात्रा (Bharat Gaurav Trains), और लक्ज़री ट्रेनों का संचालन करता है।
  • प्रमुख टूरिस्ट ट्रेनों में Maharajas’ Express, Buddhist Circuit Special Train शामिल हैं।

4️⃣ पानी ब्रांड – “Rail Neer”:

  • IRCTC “Rail Neer” नाम से पेयजल की आपूर्ति करता है, जो रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में उपलब्ध होता है।

5️⃣ क्रूज़ और हवाई सेवाएँ:

  • IRCTC ने हवाई टिकट बुकिंग और क्रूज़ सेवाएँ भी शुरू की हैं।

IRCTC से जुड़ी रोचक बातें

भारत में सबसे अधिक विजिट की जाने वाली वेबसाइटों में से एक (प्रति दिन लाखों टिकट बुक होते हैं)।
रेलवे की पहली कंपनी, जिसने शेयर बाजार में शानदार लिस्टिंग दर्ज की
ई-कैटरिंग और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाली प्रमुख रेलवे कंपनी।
रेलवे के टिकट बुकिंग का लगभग 70% हिस्सा IRCTC के माध्यम से बुक होता है


IRCTC का महत्व

🚆 यात्रियों को डिजिटल टिकटिंग की सुविधा देना।
🍽️ स्वच्छ और अच्छी गुणवत्ता का भोजन प्रदान करना।
🌍 भारत में पर्यटन को बढ़ावा देना।
💧 शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करना।

IRCTC भारतीय रेलवे और यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा प्रदाता है, जो रेलवे यात्रा को अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनाता है।

IRFC – Indian Railway Finance Corporation

IRFC का आधिकारिक लोगो और पूरा नाम – Indian Railway Finance Corporation
IRFC का आधिकारिक लोगो, जो भारतीय रेलवे वित्त निगम का प्रतिनिधित्व करता है। For More Information – https://irfc.co.in/

IRFC (भारतीय रेलवे वित्त निगम) क्या है?

👉 IRFC (Indian Railway Finance Corporation) भारतीय रेलवे की वित्तीय शाखा (Financial Arm) है, जो रेलवे के लिए धन (फंड) जुटाने का काम करती है। यह भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे, ट्रेनों, रेलवे स्टेशनों, और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।


IRFC की स्थापना और मुख्य कार्य

📅 स्थापना: 12 दिसंबर 1986
🏢 मुख्यालय: नई दिल्ली
📌 स्वामित्व: भारत सरकार (रेल मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रम)
📈 शेयर मार्केट लिस्टिंग: IRFC को 2021 में BSE और NSE पर लिस्ट किया गया।

IRFC के मुख्य कार्य:

1️⃣ भारतीय रेलवे के लिए धन जुटाना:

  • IRFC बॉन्ड, बैंक लोन, और अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से फंड जुटाता है।
  • रेलवे को नई ट्रेनों, इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिकीकरण के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण (Loan) उपलब्ध कराता है

2️⃣ रेलवे के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग:

  • रेल पटरियों, रेलवे स्टेशनों, पुलों, और इलेक्ट्रिफिकेशन प्रोजेक्ट्स के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है

3️⃣ रेलवे रोलिंग स्टॉक फाइनेंसिंग:

  • रेलवे को नए इंजन, कोच, वैगन और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए फंडिंग देता है।
  • भारतीय रेलवे के लिए लंबी अवधि के लोन की सुविधा देता है।

4️⃣ सस्ता फाइनेंस उपलब्ध कराना:

  • IRFC का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे को किफायती दरों पर फंड उपलब्ध कराना है, ताकि रेलवे कम लागत में अपने प्रोजेक्ट पूरे कर सके।

IRFC से जुड़ी रोचक बातें

भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा वित्तीय भागीदार
सरकार के स्वामित्व वाली एक “Schedule A” कंपनी
रेलवे को सालाना हजारों करोड़ रुपये की फंडिंग प्रदान करता है
बॉन्ड जारी करके पैसा जुटाने वाली प्रमुख रेलवे कंपनी
IRFC की लोन सुविधा से भारतीय रेलवे का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है


IRFC का महत्व

💰 रेलवे की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना।
🚆 रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना।
📊 भारतीय रेलवे को किफायती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराना।
📈 देश के रेलवे नेटवर्क को विश्वस्तरीय बनाना।

IRFC भारतीय रेलवे का एक अहम वित्तीय संस्थान है, जो रेलवे के विकास के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान करता है।

मुख्य अंतर:

  • IRCTC रेलवे सेवाओं जैसे टिकटिंग, कैटरिंग और पर्यटन पर केंद्रित है।
  • IRFC भारतीय रेलवे के विस्तार और विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

CPSE (Central Public Sector Enterprises) and Navratna Status

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSEs) भारत सरकार के स्वामित्व और संचालन में आने वाली कंपनियाँ हैं। ये उद्यम देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इन्हें उनकी वित्तीय स्थिति, स्वायत्तता और प्रदर्शन के आधार पर श्रेणियों में विभाजित किया जाता है।


CPSEs की श्रेणियाँ

CPSEs को उनके आकार, वित्तीय शक्ति और परिचालन स्वायत्तता के आधार पर तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:

  1. महानवरत्न (Maharatna) – सबसे उच्चतम दर्जा, जो सबसे बड़ी और शक्तिशाली CPSEs को दिया जाता है।
  2. नवरत्न (Navratna) – मध्यम आकार की CPSEs, जिनके पास अधिक वित्तीय और परिचालन स्वायत्तता होती है।
  3. मिनीरत्न (Miniratna) – छोटी CPSEs, जिन्हें सीमित स्वायत्तता दी जाती है (इन्हें श्रेणी-I और श्रेणी-II में विभाजित किया जाता है)।

नवरत्न CPSEs

नवरत्न दर्जा उन मध्यम आकार की CPSEs को दिया जाता है, जो मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और परिचालन दक्षता प्रदर्शित करती हैं। इस दर्जे से उन्हें अधिक स्वायत्तता (Autonomy) मिलती है, जिससे वे निवेश, संयुक्त उपक्रम (Joint Ventures) और अन्य व्यावसायिक निर्णय बिना सरकारी मंजूरी के ले सकती हैं।                                                                                                     For More Information – https://navratnaindia.in/

नवरत्न का दर्जा पाने की पात्रता (Eligibility Criteria)

कोई भी CPSE नवरत्न बनने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी चाहिए:
मिनीरत्न-I कंपनी होनी चाहिए।
कुल 100 अंकों में से कम से कम 60 अंक प्राप्त करने चाहिए, जो निम्नलिखित मानदंडों पर आधारित होते हैं:

  • शुद्ध लाभ (Net Profit)
  • कुल आय (Total Income)
  • निवल मूल्य (Net Worth)
  • प्रति शेयर आय (EPS)
  • कुल लागत के प्रतिशत के रूप में मानव संसाधन लागत
    पिछले तीन वर्षों में ₹5,000 करोड़ या अधिक का लाभ होना चाहिए।
    ✅ वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन मजबूत होना चाहिए।

नवरत्न का लाभ (Benefits of Navratna Status)

  • ₹1,000 करोड़ या 15% निवल मूल्य (Net Worth) तक का निवेश बिना सरकारी अनुमति के कर सकते हैं।
  • संयुक्त उपक्रम (Joint Ventures), विलय (Mergers) और अधिग्रहण (Acquisitions) में अधिक स्वायत्तता।
  • विदेशी निवेश और विस्तार में अधिक स्वतंत्रता।
  • सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता कम होने के कारण तेजी से निर्णय लेने की क्षमता

भारत की कुछ प्रमुख नवरत्न कंपनियाँ

निम्नलिखित कंपनियाँ नवरत्न CPSEs की सूची में शामिल हैं:

  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
  • कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR)
  • इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL)
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
  • महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)
  • नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (NALCO)
  • NBCC (इंडिया) लिमिटेड
  • ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)
  • पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC)
  • रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (REC)
  • शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI)

मुख्य अंतर: महा-रत्न, नवरत्न और मिनी-रत्न

श्रेणी वित्तीय शक्ति स्वायत्तता उदाहरण
महा-रत्न सबसे बड़ी कंपनियाँ सबसे अधिक स्वतंत्रता ONGC, NTPC, BHEL
नवरत्न मध्यम आकार की मजबूत कंपनियाँ सीमित स्वतंत्रता BEL, HAL, OIL
मिनीरत्न छोटी लेकिन लाभदायक कंपनियाँ सबसे कम स्वतंत्रता IRCTC, BSNL, EIL

निष्कर्ष

🔹 Navratna CPSEs का मतलब उन सरकारी कंपनियों से है, जो बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और सरकार से कुछ हद तक स्वतंत्र हैं।
🔹 ये कंपनियाँ अपने फैसले खुद ले सकती हैं और ₹1,000 करोड़ तक का निवेश कर सकती हैं।
🔹 अगर कोई Navratna कंपनी और अच्छा प्रदर्शन करती है, तो वह Maharatna बन सकती है।

 Current Affairs से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए https://currentafffairs.com/  पर जाएँ।

 

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