International Hope Day (अंतरराष्ट्रीय आशा दिवस) – 12 July
पृष्ठभूमि और शुरुआत:
👉 संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA 79th) ने हाल ही में 12 जुलाई को “अंतरराष्ट्रीय आशा दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
👉 इस प्रस्ताव को 161 देशों का समर्थन मिला, जबकि अमेरिका ने इसके खिलाफ मतदान किया और भारत, तुर्की, पेरू और पराग्वे ने मतदान से परहेज किया।
प्रस्ताव से जुड़ी मुख्य बातें:
✔️ इस प्रस्ताव का उद्देश्य वैश्विक समुदाय को यह संदेश देना है कि मानसिक शांति, सहिष्णुता, सामाजिक स्थिरता और परस्पर सम्मान को बढ़ावा देने के लिए आशा का प्रसार आवश्यक है।
✔️ इस दिन का उद्देश्य लोगों को सकारात्मक सोच अपनाने, मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने और कठिन परिस्थितियों में आशा बनाए रखने के लिए प्रेरित करना है।
✔️ संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन के माध्यम से दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने और आशा को एक आंदोलन के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
प्रस्ताव पर देशों की प्रतिक्रिया:

🔸 अमेरिका ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा कि इस प्रस्ताव में “विविधता, समानता और समावेश” जैसे मुद्दे अमेरिकी नीतियों से मेल नहीं खाते।
🔸 अमेरिका ने यह भी कहा कि नए अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित करने से संयुक्त राष्ट्र के संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और इस ध्यान को अन्य वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित किया जाना चाहिए।
🔸 भारत ने मतदान से परहेज किया। भारत ने अपने निर्णय पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं दी कि उसने इस प्रस्ताव का समर्थन क्यों नहीं किया।
🔸 तुर्की, पेरू और पराग्वे ने भी मतदान से दूरी बनाए रखी।
प्रस्ताव का उद्देश्य:
📌 मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक मानसिकता को मजबूत करना।
📌 वैश्विक शांति और सहिष्णुता के संदेश को प्रसारित करना।
📌 विविधता और परस्पर सम्मान के साथ समाज में संतुलन स्थापित करना।
महत्व और प्रभाव:
🌍 “International Hope Day” का पहला आयोजन 12 जुलाई 2025 को किया जाएगा।
🌍 इस दिन विभिन्न वैश्विक कार्यक्रमों और अभियानों का आयोजन किया जाएगा ताकि लोगों को आशावादी सोच के प्रति जागरूक किया जा सके।
🌍 मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, प्रेरक वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता इस दिन के माध्यम से सकारात्मक मानसिकता और आशा के महत्व पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
निष्कर्ष:
✅ “International Hope Day” को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है।
✅ संयुक्त राष्ट्र इस दिन को एक वैश्विक अभियान के रूप में अपनाना चाहता है ताकि लोगों को मानसिक शांति और आशावादी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) का संपूर्ण विवरण :

स्थापना और इतिहास:
- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की स्थापना 10 जनवरी 1946 को हुई थी।
- इसका पहला सत्र लंदन के मेथोडिस्ट सेंट्रल हॉल में आयोजित किया गया था, जिसमें 51 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
- इसके बाद, कुछ सत्रों का आयोजन न्यूयॉर्क के फ्लशिंग मीडोज में किया गया।
- वर्ष 1952 में, इसे स्थायी रूप से न्यूयॉर्क (मैनहट्टन) स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में स्थानांतरित किया गया।
For More Infromation – https://www.un.org/
संरचना और कार्यप्रणाली:
👉 सदस्यता:
- UNGA में वर्तमान में 193 सदस्य देश शामिल हैं।
- महासभा में प्रत्येक सदस्य देश को एक मत (vote) का अधिकार है।
👉 सत्र:
- महासभा का वार्षिक सत्र हर वर्ष सितंबर में आयोजित होता है।
- विशेष परिस्थितियों में विशेष सत्र भी बुलाया जा सकता है।
👉 निर्णय प्रक्रिया:
- महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे – अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, नए सदस्यों की स्वीकृति और बजट मामलों पर निर्णय के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
- अन्य मुद्दों के लिए साधारण बहुमत से निर्णय लिया जाता है।
महासभा की मुख्य समितियां:
महासभा का कार्य मुख्य रूप से छह प्रमुख समितियों के माध्यम से संचालित होता है:
- प्रथम समिति (First Committee): निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा
- द्वितीय समिति (Second Committee): आर्थिक और वित्तीय
- तृतीय समिति (Third Committee): सामाजिक, मानवीय और सांस्कृतिक
- चतुर्थ समिति (Fourth Committee): विशेष राजनीतिक और उपनिवेशीकरण
- पांचवीं समिति (Fifth Committee): प्रशासनिक और बजटीय
- छठी समिति (Sixth Committee): कानूनी
हाल की प्रमुख घटनाएं और निर्णय:
✅ लैंगिक समानता पर जोर
- मार्च 2025 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा की महिला स्थिति पर आयोग (Commission on the Status of Women) की बैठक में 193 सदस्य देशों ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
- इस घोषणा में पुरुषों और लड़कों को लैंगिक समानता के लिए रणनीतिक भागीदार के रूप में शामिल करने और महिलाओं के अधिकारों से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के उपायों का उल्लेख किया गया है।
✅ अपराधों के खिलाफ संधि पर निर्णय
- नवंबर 2024 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक प्रमुख समिति ने अपराधों के खिलाफ पहली बार संधि (Crimes Against Humanity Treaty) के मसौदे को स्वीकृति दी।
- इस संधि का उद्देश्य मानवता के खिलाफ अपराधों को रोकने और दंडित करने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा तैयार करना है।
✅ संयुक्त राष्ट्र सुधार पर चर्चा
- दिसंबर 2024 में, महासभा के सत्र में संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता पर गंभीर चर्चा हुई।
- विशेष रूप से सुरक्षा परिषद के वीटो सिस्टम में बदलाव को लेकर कई देशों ने अपनी चिंता व्यक्त की।
- आलोचकों का मानना है कि मौजूदा संरचना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की स्थितियों पर आधारित है, जो वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को सही ढंग से नहीं दर्शाती।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का महत्व:
🌍 UNGA एक ऐसा मंच है जहां सभी सदस्य देशों को अपनी बात रखने और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का समान अवसर मिलता है।
🌍 महासभा द्वारा पारित प्रस्तावों का सीधा प्रभाव वैश्विक नीति निर्धारण, शांति स्थापना और सतत विकास पर पड़ता है।
🌍 यह अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करने, शांति प्रयासों को बढ़ावा देने और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
UNGA के वर्तमान अध्यक्ष :
- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA 79th) के 79th सत्र के अध्यक्ष महामहिम श्री फिलेमोन यांग हैं। उन्होंने 10 सितंबर 2024 को यह पदभार संभाला।
- वह कैमरून (Cameroon) से हैं , वह कैमरून के पहले नेता हैं, जिन्हें महासभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- डेनीस फ्रांसिस (Dennis Francis)
- वह त्रिनिदाद और टोबैगो से हैं और महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष हैं।
UNGA के मुख्य उद्देश्य:
✔️ वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना
✔️ अंतरराष्ट्रीय कानून को सुदृढ़ करना
✔️ मानवाधिकारों की रक्षा करना
✔️ सतत विकास और गरीबी उन्मूलन पर कार्य करना
✔️ जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य संकट और मानवीय आपदाओं से निपटना
संयुक्त राष्ट्र महासभा के ऐतिहासिक तथ्य:
📌 अब तक संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78 सत्र हो चुके हैं।
📌 पहला सत्र 1946 में हुआ था।
📌 भारत ने 1947 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की सदस्यता ली थी।
📌 UNGA के महत्वपूर्ण प्रस्तावों में जलवायु परिवर्तन, परमाणु निरस्त्रीकरण, और मानवाधिकारों से संबंधित कई ऐतिहासिक निर्णय शामिल हैं।
निष्कर्ष:
✅ संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) वैश्विक मंच पर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा और समाधान का केंद्र है।
✅ हाल ही में लैंगिक समानता, अंतरराष्ट्रीय अपराध और वैश्विक सुरक्षा से संबंधित प्रमुख फैसले महासभा के महत्व को दर्शाते हैं।
✅ संयुक्त राष्ट्र महासभा की भूमिका आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि दुनिया जलवायु परिवर्तन, वैश्विक संघर्षों और आर्थिक असंतुलन जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है।
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