अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में आयोजित ISSF विश्व कप 2025 में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। अब तक भारत ने चार स्वर्ण, एक रजत, और एक कांस्य पदक जीते हैं। इससे वह पदक तालिका में दूसरे स्थान पर है, जबकि चीन ने तीन स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदकों के साथ पहले स्थान पर कब्जा किया है।
मैडल टैली टेबल (Live Medal Tally till now)
देश | स्वर्ण | रजत | कांस्य | कुल पदक |
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चीन | 3 | 2 | 3 | 8 |
भारत | 4 | 1 | 1 | 6 |
… | … | … | … | … |
भारत के स्वर्ण पदक विजेता:
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सिफत कौर समरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 458.6 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि जर्मनी की अनीता मैंगोल्ड और कजाकिस्तान की अरीना अल्तुखोवा ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
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सुरुचि सिंह ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 583 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया, जबकि चीन की कियान वेई और रैनशिन ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
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विजयवीर सिद्धू ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इटली के रिकार्डो माजेट्टी को हराकर यह उपलब्धि प्राप्त की।
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रुद्राक्ष बालासाहेब पाटिल ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उनकी यह उपलब्धि उनकी निरंतर मेहनत और उत्कृष्टता का प्रतीक है।
भारत का यह प्रदर्शन न केवल खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है, बल्कि यह देश की शूटिंग स्पर्धाओं में बढ़ती ताकत को भी उजागर करता है।
ISSF विश्व कप: शुरुआत और विकास

ISSF (International Shooting Sport Federation) विश्व कप की शुरुआत 1986 में हुई थी। यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय शूटिंग खेलों में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक मानी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य शूटरों को एक मंच पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करना है, ताकि वे ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई कर सकें।
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पहली बार की शुरुआत
ISSF विश्व कप का पहला आयोजन 1986 में हुआ और यह तब से हर साल विभिन्न देशों में आयोजित किया जा रहा है। इसमें कई तरह की शूटिंग प्रतियोगिताएं होती हैं, जैसे एयर राइफल, एयर पिस्टल, और राइफल 3 पोजीशन जैसी स्पर्धाएं।
आयोजन स्थल और देशों का चयन
इस विश्व कप का आयोजन हर साल अलग-अलग देशों में किया जाता है, और इन आयोजनों के लिए प्रत्येक वर्ष एक शेड्यूल तय किया जाता है। अलग-अलग देशों में ये प्रतियोगिताएं आयोजित करने का उद्देश्य है कि विभिन्न क्षेत्रों के शूटरों को इस विश्व स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिले।
आयोजन की आवृत्ति
ISSF विश्व कप हर साल आयोजित होता है। यानी, यह प्रतिवर्ष एक नियमित रूप से होने वाली प्रतियोगिता है और अब तक कई संस्करण हो चुके हैं। हालांकि, कभी-कभी विभिन्न परिस्थितियों के कारण कुछ आयोजनों में बदलाव हो सकता है, लेकिन सामान्यत: हर साल इसका आयोजन किया जाता है।
मुख्यालय
ISSF का मुख्यालय जर्मनी के म्यूनिख शहर में स्थित है। यह संगठन शूटिंग स्पोर्ट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियंत्रित और प्रमोट करता है और विश्व कप जैसे आयोजनों को आयोजित करता है।
प्रतियोगिता की बढ़ती लोकप्रियता
ISSF विश्व कप ने सालों के दौरान विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है, और आज यह शूटिंग स्पर्धाओं के प्रमुख मंचों में से एक बन चुका है। इसमें विभिन्न देशों के शूटरों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है, जिससे न केवल खिलाड़ियों का स्तर बढ़ता है, बल्कि यह शूटिंग स्पोर्ट्स के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ है।
निष्कर्ष
ISSF विश्व कप ने पिछले कई दशकों में शूटरों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित किया है। इसका आयोजन हर साल होता है और इसके माध्यम से खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित कर सकते हैं।
भारत का ISSF विश्व कप में अब तक का सफर: एक गौरवशाली इतिहास:
भारत ने ISSF (International Shooting Sport Federation) विश्व कप में वर्षों से एक सशक्त और स्थिर प्रदर्शन के जरिए अपनी पहचान अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी मंच पर स्थापित की है। 1986 में इस प्रतियोगिता की शुरुआत के बाद से ही भारतीय निशानेबाजों ने धीरे-धीरे अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू की, और अब वे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में अग्रणी स्थान हासिल कर रहे हैं।
🏅 कुल पदक और प्रदर्शन
भारत ने अब तक ISSF विश्व कप के विभिन्न संस्करणों में 300 से अधिक पदक जीते हैं, जिसमें स्वर्ण, रजत और कांस्य तीनों ही शामिल हैं। इनमें से कई पदक ओलंपिक कोटे की स्पर्धाओं में जीते गए हैं, जिससे भारत को ओलंपिक के लिए कोटा स्थान प्राप्त करने में भी मदद मिली है।
🌟 भारत के कुछ ऐतिहासिक पल:
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2001 में Abhinav Bindra ने भारत को 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में पहला ISSF विश्व कप स्वर्ण दिलाया।
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2008 के बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से पहले भी बिंद्रा कई बार ISSF मंच पर पदक जीत चुके थे।
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Apurvi Chandela, Heena Sidhu, और Manu Bhaker जैसी निशानेबाजों ने भी ISSF विश्व कप में शानदार प्रदर्शन कर भारत को गौरवान्वित किया है।
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2019 में भारत ने अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन किया था, जब उसने पूरे साल में कुल 21 स्वर्ण पदक जीते।
🎯 युवा प्रतिभाओं की भूमिका
पिछले कुछ वर्षों में, मनु भाकर, सौरभ चौधरी, ईशा सिंह, और रुद्राक्ष पाटिल जैसे युवा निशानेबाजों ने भारत की पदक तालिका में अहम योगदान दिया है। इन उभरते हुए सितारों की बदौलत भारत की निशानेबाजी टीम न सिर्फ मजबूत बनी है, बल्कि भविष्य में ओलंपिक जैसे आयोजनों में भी पदक की संभावनाएं बढ़ी हैं।
🏆 भारत की प्रतिष्ठा और रणनीति
ISSF विश्व कप के माध्यम से भारत ने यह दिखाया है कि वह न केवल एशिया बल्कि दुनिया के बड़े निशानेबाजी देशों में शामिल है। सरकार और निजी संस्थाओं की ओर से लगातार मिलने वाले समर्थन, आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं, और विदेशों में कोचिंग के अवसरों ने भारत को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के काबिल बनाया है।
🔚 निष्कर्ष:
भारत का ISSF विश्व कप में अब तक का सफर संघर्ष, समर्पण और सतत सुधार की कहानी है। यह इतिहास ना केवल खिलाड़ियों की मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत किस तरह खेलों के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनता जा रहा है। जैसे-जैसे नई पीढ़ी के निशानेबाज उभरते हैं, यह उम्मीद करना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्षों में भारत इस प्रतियोगिता में शीर्ष पर पहुंच सकता है।
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