भारत बना दुनिया का 5वां सबसे प्रदूषित देश | विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024
स्विट्ज़रलैंड स्थित एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी कंपनी IQAir द्वारा जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत दुनिया का पाँचवाँ सबसे प्रदूषित देश बन गया है। इस रिपोर्ट में भारत की औसत वार्षिक PM 2.5 सांद्रता 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के दिशानिर्देश से 10 गुना अधिक है।
🌍 प्रमुख बिंदु:
- दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में स्थित हैं।
- मेघालय का बर्नीहाट शहर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है।
- दिल्ली लगातार सबसे प्रदूषित राजधानी शहर बनी हुई है, जहाँ PM 2.5 का स्तर 91.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है।
- 2023 की तुलना में 2024 में भारत में PM 2.5 सांद्रता में 7% की गिरावट आई है, फिर भी यह WHO के मानकों से बहुत अधिक है।
🌿 प्रदूषण के मुख्य कारण:
- वाहनों से निकलने वाला धुआं – बढ़ती वाहन संख्या के कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।
- औद्योगिक उत्सर्जन – फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाला धुआं और गैसें प्रमुख कारण हैं।
- पराली जलाना – उत्तर भारत के राज्यों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है।
- निर्माण कार्य और धूल के कण – बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्य भी प्रदूषण का मुख्य स्रोत हैं।
- घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए कोयला और लकड़ी जलाना – इससे हवा में हानिकारक कण मिलते हैं।
🚨 भारत के सबसे प्रदूषित शहर:

रैंक | शहर | PM 2.5 स्तर (माइक्रोग्राम/घन मीटर) |
---|---|---|
1 | बर्नीहाट (मेघालय) | 100.7 |
2 | दिल्ली | 91.8 |
3 | कोलकाता | 84.5 |
4 | मुंबई | 78.3 |
5 | कानपुर | 75.2 |
🏆 सबसे स्वच्छ देश:
रिपोर्ट के अनुसार, फिनलैंड दुनिया का सबसे स्वच्छ देश है, जहाँ PM 2.5 का स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से भी कम है।
⚠️ प्रभाव और स्वास्थ्य संबंधी खतरे:
वायु प्रदूषण से भारत में सांस की बीमारियाँ, फेफड़ों के संक्रमण, हृदय रोग, कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ रही हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक साबित हो रहा है।
✅ सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP): इस योजना के तहत 2024 तक प्रदूषण के स्तर में 20-30% तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।
- पराली जलाने पर प्रतिबंध: पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा: सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास कर रही है।
- औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण: उद्योगों में प्रदूषण कम करने के लिए सख्त दिशानिर्देश लागू किए गए हैं।
🌏 निष्कर्ष:
भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को खतरा है। हालांकि सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं, फिर भी स्थिति में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। आम जनता को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर, स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग और हरित परिवहन को अपनाकर प्रदूषण कम करने में सहयोग देना चाहिए। 🌿
IQAir का परिचय और इतिहास :
IQAir एक स्विट्जरलैंड स्थित वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो वायु गुणवत्ता निगरानी, वायु शुद्धिकरण और वायु गुणवत्ता डेटा विश्लेषण के क्षेत्र में काम करती है। इसकी स्थापना 1963 में हुई थी और यह अब वैश्विक स्तर पर वायु गुणवत्ता से संबंधित विभिन्न सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी का मुख्यालय गोल्डाक, स्विट्जरलैंड (Goldach, Switzerland) में स्थित है।
For More Infoamtion – https://www.iqair.com/
🌍 IQAir का इतिहास और विकास
- 1963 – IQAir की स्थापना स्विट्जरलैंड के गोल्डाक में हुई। शुरुआत में कंपनी ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए वायु शुद्धिकरण उपकरण बनाए।
- 1990 के दशक – कंपनी ने घरेलू वायु शुद्धिकरण प्रणालियों का निर्माण शुरू किया।
- 2000 के दशक – IQAir ने वायु गुणवत्ता निगरानी सेवाओं की शुरुआत की और व्यक्तिगत उपयोग के लिए वायु शुद्धिकरण उपकरण विकसित किए।
- 2014 – कंपनी ने एक वायु गुणवत्ता निगरानी ऐप लॉन्च किया, जिससे लोग दुनिया भर की वायु गुणवत्ता का वास्तविक समय में पता लगा सकते हैं।
- 2019 – IQAir ने वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट (World Air Quality Report) जारी करना शुरू किया, जिसमें वैश्विक स्तर पर वायु गुणवत्ता का विश्लेषण किया जाता है।
- 2020 – कंपनी ने COVID-19 महामारी के दौरान वायु गुणवत्ता के प्रभाव पर विशेष रिपोर्ट जारी की।
- 2021-2022 – IQAir ने AI-आधारित वायु गुणवत्ता विश्लेषण तकनीक विकसित की और वायु गुणवत्ता डेटा साझा करने के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग किया।
- 2024 – IQAir की रिपोर्ट में भारत को दुनिया का 5वां सबसे प्रदूषित देश घोषित किया गया।
🏆 IQAir की प्रमुख सेवाएं और उत्पाद
✅ वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली – IQAir की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली वास्तविक समय में डेटा एकत्र करती है और प्रदूषण के स्तर की सटीक जानकारी प्रदान करती है।
✅ एयरविजुअल (AirVisual) ऐप – यह ऐप उपयोगकर्ताओं को किसी भी स्थान की वायु गुणवत्ता की जानकारी और पूर्वानुमान देता है।
✅ एयर प्यूरिफायर – कंपनी द्वारा निर्मित वायु शुद्धिकरण उपकरण घर, ऑफिस और अस्पतालों के लिए प्रभावी समाधान प्रदान करते हैं।
✅ रिसर्च और रिपोर्ट – IQAir हर साल वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट जारी करता है, जिसमें वैश्विक स्तर पर प्रदूषण के प्रमुख कारणों और इसके प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है।
📈 IQAir के प्रमुख उपलब्धियां
🔸 IQAir की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट दुनियाभर के पर्यावरण संगठनों और सरकारों के लिए विश्वसनीय स्रोत मानी जाती है।
🔸 संयुक्त राष्ट्र (UN) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ IQAir ने वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सहयोग किया है।
🔸 IQAir का एयरविजुअल ऐप दुनिया का सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला वायु गुणवत्ता निगरानी ऐप बन चुका है।
🔸 IQAir को पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी नवाचार के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
🚀 भविष्य की योजनाएं
- IQAir भविष्य में AI-आधारित वायु गुणवत्ता विश्लेषण को मजबूत करेगा।
- कंपनी का लक्ष्य है कि 2030 तक दुनिया के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर को 30% तक कम किया जाए।
- IQAir वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकारों और निजी संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
🌏 निष्कर्ष
IQAir एक अग्रणी वैश्विक कंपनी है, जिसने वायु गुणवत्ता निगरानी और शुद्धिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। कंपनी की रिपोर्ट और सेवाएं दुनियाभर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए मार्गदर्शक साबित हो रही हैं। प्रदूषण से निपटने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए IQAir का योगदान आने वाले वर्षों में और अधिक महत्वपूर्ण होने की संभावना है। 🌿
अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट https://currentafffairs.com/ पर Visit करें |