Site icon Current Affairs

SIPRI रिपोर्ट 2025 का विश्लेषण – वैश्विक हथियार आयात में यूक्रेन का दबदबा जानें भारत की स्थिति

यूक्रेन बना दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक: SIPRI रिपोर्ट 2025 

SIPRI रिपोर्ट का बार चार्ट जिसमें यूक्रेन, भारत, क़तर, सऊदी अरब और पाकिस्तान के लिए वैश्विक हथियार आयात (%) को 2015-19 (बैंगनी) और 2020-24 (नीला) के बीच तुलना करते हुए दिखाया गया है।
SIPRI की वैश्विक हथियार आयात (2015-2019 बनाम 2020-2024) रिपोर्ट – यूक्रेन सबसे बड़ा आयातक बना।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने 10 मार्च 2025 को अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की, जिसमें 2020 से 2024 के बीच वैश्विक हथियार व्यापार के रुझानों का विश्लेषण किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यूक्रेन, रूस के साथ चल रहे युद्ध के कारण, दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया है।
SIPRI – Stockholm International Peace Research Institute

मुख्य बिंदु:

यूक्रेन का हथियार आयात:
इसके अनुसार, यूक्रेन ने 2020-24 के दौरान भारी मात्रा में हथियार आयात किए, जिससे वह इस अवधि में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन का हथियार आयात पिछले पांच वर्षों (2015-19) की तुलना में लगभग 100 गुना अधिक रहा है। रूस के साथ संघर्ष के कारण यूक्रेन को अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके चलते उसने रक्षा उपकरणों का बड़े पैमाने पर आयात किया।

भारत दूसरे स्थान पर:
वैश्विक हथियार आयातकों की सूची में भारत दूसरे स्थान पर रहा। हालांकि, भारत के आयात में 9.3% की कमी दर्ज की गई है। भारत ने मुख्य रूप से रूस, फ्रांस और अमेरिका से रक्षा उपकरणों का आयात किया।

फ्रांस का निर्यात बढ़ा:
रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस ने 65 देशों को हथियारों की आपूर्ति करके दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बनने का स्थान प्राप्त किया है। फ्रांस के निर्यात में सबसे बड़ा ग्राहक भारत रहा है।

रूस के निर्यात में गिरावट:
रूस के हथियार निर्यात में 64% की गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और बढ़ती घरेलू मांग के कारण हुई है। हालांकि, भारत अभी भी रूस से सबसे अधिक हथियार आयात करने वाला देश बना हुआ है।

वैश्विक परिदृश्य पर असर

इसकी रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि वैश्विक हथियार व्यापार में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। यूक्रेन का बढ़ता आयात न केवल यूरोपीय सुरक्षा पर असर डाल रहा है, बल्कि इससे वैश्विक रणनीतिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है। भारत का आयात कम होना और फ्रांस के निर्यात में वृद्धि वैश्विक रक्षा क्षेत्र में नए समीकरणों को दर्शाते हैं।

इसकी इस रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि भविष्य में रक्षा क्षेत्र में नए गठजोड़ और व्यापार नीतियों में बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

SIPRI से संबंधित latest Updates :

1. नए SIPRI निदेशक की नियुक्ति

5 मार्च 2025 को SIPRI ने करीम हग्गाग को अपने नए निदेशक के रूप में नियुक्त किया। हग्गाग को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और शांति अनुसंधान का गहरा अनुभव है, जिससे SIPRI को वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।

2. वैश्विक हथियार व्यापार पर SIPRI की नई Report

इसकी नई रिपोर्ट 10 मार्च 2025 को प्रकाशित हुई, जिसमें वैश्विक हथियार व्यापार से संबंधित महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला गया है।

3.वैश्विक हथियार व्यापार पर वर्चुअल चर्चा

आज, 12 मार्च 2025 को SIPRI और स्टिमसन सेंटर द्वारा वैश्विक हथियार व्यापार पर नवीनतम डेटा जारी करने के लिए एक वर्चुअल चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। इस चर्चा में हाल के रुझानों और नई रिपोर्ट से प्राप्त प्रमुख जानकारियों पर चर्चा की जाएगी।

SIPRI: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट का पूरा विवरण :

SIPRI – Stockholm International Peace Research Institute का आधिकारिक लोगो।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है, जो वैश्विक संघर्षों, हथियार नियंत्रण, शांति स्थापना और सुरक्षा से जुड़ी नीतियों पर शोध और विश्लेषण करता है। SIPRI का उद्देश्य विश्व स्तर पर शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

For More Information, You can Visit  – https://www.sipri.org/


स्थापना और उद्देश्य

  • स्थापना: SIPRI की स्थापना 6 मई 1966 को स्वीडन सरकार द्वारा की गई थी।
  • मुख्यालय: स्टॉकहोम, स्वीडन
  • उद्देश्य:
    • वैश्विक सैन्य खर्च और हथियारों के व्यापार पर नज़र रखना।
    • शांति और सुरक्षा के लिए प्रभावशाली नीतियों का निर्माण करना।
    • संघर्ष समाधान और शांति स्थापना से जुड़े मामलों पर अनुसंधान करना।
    • सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को नीति-निर्माण में मार्गदर्शन देना।

SIPRI के प्रमुख शोध क्षेत्र

 यह विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर शोध करता है, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

वैश्विक हथियार व्यापार:

  • विश्व स्तर पर हथियारों के उत्पादन और व्यापार पर नज़र रखना।
  • प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता और आयातकों के आंकड़े एकत्र करना।

सैन्य खर्च:

  • प्रत्येक वर्ष सैन्य खर्च पर डेटा इकट्ठा करना और विश्लेषण प्रस्तुत करना।
  • सैन्य खर्च की तुलना और उसकी वैश्विक स्थिति को समझना।

संघर्ष और शांति:

  • सक्रिय संघर्षों और युद्ध की स्थिति का विश्लेषण करना।
  • शांति निर्माण और संघर्ष समाधान की रणनीतियों पर कार्य करना।

परमाणु और जैविक हथियार नियंत्रण:

  • परमाणु हथियारों के प्रसार और नियंत्रण की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करना।
  • अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संधियों के प्रभाव का विश्लेषण करना।

जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा:

  • जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले सुरक्षा खतरों का विश्लेषण करना।
  • वैश्विक सुरक्षा नीतियों को जलवायु मुद्दों के साथ जोड़ने का प्रयास।

SIPRI की प्रमुख रिपोर्ट्स और प्रकाशन

 यह प्रत्येक वर्ष विभिन्न रिपोर्ट और दस्तावेज़ प्रकाशित करता है, जिनमें प्रमुख हैं:

📌 SIPRI Yearbook:

  • यह रिपोर्ट वैश्विक हथियार व्यापार, सैन्य खर्च, परमाणु हथियारों, संघर्ष और शांति-स्थापना की स्थिति पर हर वर्ष प्रकाशित की जाती है।
  • इस रिपोर्ट को वैश्विक नीति-निर्माताओं द्वारा एक महत्वपूर्ण संदर्भ दस्तावेज़ माना जाता है।

📌 Global Arms Transfer Report:

  • इस रिपोर्ट में वैश्विक हथियारों के निर्यात और आयात से जुड़ी जानकारी दी जाती है।
  • हथियार निर्यातकों और आयातकों की स्थिति का आकलन किया जाता है।

📌 Military Expenditure Report:

  • वैश्विक सैन्य खर्च पर विस्तृत विश्लेषण।
  • विभिन्न देशों के सैन्य बजट की तुलना।

📌 Nuclear Forces Report:

  • परमाणु हथियारों की स्थिति, नियंत्रण और उपयोग से जुड़ी रिपोर्ट।
  • परमाणु हथियार रखने वाले देशों की स्थिति का आकलन।

SIPRI के प्रमुख योगदान और प्रभाव

  • SIPRI के शोध और रिपोर्ट का उपयोग वैश्विक नीति-निर्माण में किया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र (UN), यूरोपीय संघ (EU), और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा SIPRI की रिपोर्ट को मान्यता दी जाती है।
  • SIPRI की रिपोर्ट का उपयोग हथियार नियंत्रण संधियों और शांति समझौतों के लिए एक आधार के रूप में किया जाता है।
  • SIPRI के आंकड़ों का उपयोग वैश्विक संघर्षों को सुलझाने के लिए किया जाता है।

वर्तमान स्थिति और हालिया अपडेट

1. नया निदेशक: करीम हग्गाग
  • इसने 5 मार्च 2025 को करीम हग्गाग को नया निदेशक नियुक्त किया।
  • हग्गाग के पास अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और शांति अनुसंधान का गहरा अनुभव है।
  • उन्होंने मिस्र सरकार के साथ विभिन्न कूटनीतिक पदों पर कार्य किया है।
2. SIPRI रिपोर्ट 2025 के प्रमुख बिंदु:

🔹 यूक्रेन सबसे बड़ा हथियार आयातक🔹 भारत दूसरे स्थान पर🔹 फ्रांस का निर्यात बढ़ा🔹 रूस के निर्यात में गिरावट


SIPRI के अब तक के निदेशक

क्रम नाम कार्यकाल
1 रॉबर्ट नेफी 1966–1971
2 फ्रैंक बार्नबी 1971–1981
3 वाल्फगैंग ओडरमेट 1981–1991
4 एडम डैनियल रॉटफेल्ड 1991–2002
5 अलीस्तेयर हेयनिस 2002–2007
6 डैन स्मिथ 2015–2024
7 करीम हग्गाग 2025–वर्तमान

SIPRI के भविष्य के कार्यक्षेत्र और संभावनाएँ

➡️ वैश्विक सैन्य खर्च पर निगरानी:

  •  यह भविष्य में वैश्विक सैन्य खर्च और हथियार व्यापार पर गहराई से नज़र रखेगा।

➡️ नए संघर्षों और सुरक्षा खतरों पर शोध:

  • जलवायु परिवर्तन, साइबर हमलों और आतंकवाद से जुड़े खतरों पर शोध कार्य।

➡️ परमाणु हथियार नियंत्रण:

  • परमाणु हथियारों के उपयोग और प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय नीति-निर्माताओं को सुझाव।

➡️ शांति स्थापना और सुरक्षा:

  • संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना के लिए अनुसंधान और समाधान।

निष्कर्ष

यह एक ऐसा संस्थान है, जिसने पिछले 50 वर्षों में वैश्विक हथियार व्यापार, सैन्य खर्च, परमाणु हथियारों और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण शोध और विश्लेषण किया है। SIPRI की रिपोर्ट और अध्ययन वैश्विक नीति-निर्माण, संघर्ष समाधान और शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वर्तमान में करीम हग्गाग के नेतृत्व में SIPRI वैश्विक शांति और सुरक्षा के क्षेत्र में नए अध्याय लिखने की दिशा में अग्रसर है।

Current Affairs से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए https://currentafffairs.com/  पर जाएँ।

Exit mobile version