2025 की शुरुआत में भारत की फिनटेक इंडस्ट्री को एक बड़ी कामयाबी मिली है। Juspay, जो डिजिटल पेमेंट्स के लिए तकनीकी समाधान तैयार करती है, अब देश की पहली यूनिकॉर्न कंपनी बनने जा रही है। हाल ही में कंपनी ने लगभग $150 मिलियन (₹1,295 करोड़ के करीब) निवेश जुटाने की तैयारी की है, जिससे इसका मूल्यांकन $1 बिलियन (₹8,635 करोड़ से ज्यादा) तक पहुंचने वाला है।
कंपनी का परिचय

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शुरुआत: Juspay की नींव 2012 में विमल कुमार और शीतल ललवानी ने रखी थी।
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मुख्य काम: यह कंपनी डिजिटल भुगतान के लिए तकनीकी ढांचा देती है और कई पेमेंट ऐप्स के लिए बैकएंड समाधान उपलब्ध कराती है। Juspay ने BHIM ऐप के निर्माण में भी योगदान दिया है और Hyperswitch जैसे ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म को भी लॉन्च किया है।
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ग्राहक: यह प्रतिदिन 17 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन प्रोसेस करता है और 1,200 से अधिक कंपनियों को सेवाएं देता है।
वित्तीय प्रदर्शन (FY24)
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कंपनी की कमाई ₹319.32 करोड़ रही, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 50% ज्यादा है।
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घाटा घटकर ₹97.5 करोड़ तक आ गया है, जो पिछले साल की तुलना में 10% कम है।
नियामकीय स्वीकृति और आगे की योजना
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फरवरी 2024 में, इसको भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने की मंज़ूरी मिल गई थी।
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कंपनी अब न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करने की योजना बना रही है।
निवेश और फंडिंग
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इस ताज़ा निवेश राउंड का नेतृत्व Kedaara Capital कर रही है, जिसमें SoftBank और WestBridge जैसे बड़े निवेशक भी शामिल हैं।
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इस फंडिंग के बाद इसकी कुल जुटाई गई राशि $237 मिलियन से ज्यादा हो जाएगी।
निष्कर्ष
इसकी यह उपलब्धि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए प्रेरणादायक है। तकनीक, नवाचार और मजबूत नेतृत्व के बल पर यह कंपनी लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही है।
Juspay: एक स्टार्टअप से Unicorn बनने तक का सफर
कंपनी की शुरुआत

Juspay की स्थापना साल 2012 में विमल कुमार और रमणाथन आरवी ने बेंगलुरु में की थी। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य था – डिजिटल पेमेंट को तेज़, सुरक्षित और आसान बनाना। उस समय ऑनलाइन पेमेंट में बार-बार ट्रांजैक्शन फेल होने जैसी समस्याएँ आम थीं, जिन्हें Juspay ने तकनीकी समाधान देकर बेहतर बनाया।
प्रमुख उत्पाद और सेवाएँ
इसने शुरुआत से ही ऐसे टूल्स और प्लेटफॉर्म विकसित किए जो पेमेंट को यूज़र के लिए आसान और व्यापारियों के लिए अधिक भरोसेमंद बनाते हैं। इसके कुछ प्रमुख उत्पाद हैं:
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Express Checkout: जिसमें ग्राहक एक क्लिक में भुगतान कर सकता है।
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HyperCheckout: यह विभिन्न भुगतान विकल्पों को एक जगह लाकर प्रक्रिया को तेज़ करता है।
इन सेवाओं की मदद से इसने पेमेंट सफलता दर (payment success rate) को बहुत बेहतर किया।
ग्राहक और साझेदार
इसकी सेवाएँ आज देश की बड़ी कंपनियाँ इस्तेमाल कर रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
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Amazon India
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Swiggy
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Snapdeal
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Foodpanda
इन ब्रांड्स के ज़रिए करोड़ों लोग प्रतिदिन Juspay के तकनीकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।
तकनीकी विकास
आज Juspay हर दिन करीब 17.5 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन को संभालने में सक्षम है। कंपनी का सालाना लेनदेन मूल्य $670 बिलियन से भी अधिक पहुँच चुका है।
विस्तार और अधिग्रहण
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फरवरी 2024 में इसने LotusPay नाम की कंपनी को खरीदा, जो कि NACH डेबिट और रीकरिंग पेमेंट सिस्टम में माहिर है।
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इस अधिग्रहण से इसकी ऑटोमेटेड भुगतान सेवाएँ और मजबूत हो गईं।
अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति
Juspay अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। कंपनी ने अपने ऑफिस डबलिन, सिंगापुर, सैन माटियो (अमेरिका) और साओ पाउलो (ब्राज़ील) जैसे शहरों में भी खोले हैं। हालांकि, इसका मुख्यालय आज भी बेंगलुरु में स्थित है।
वर्तमान स्थिति (2025)
2025 में Juspay को लेकर बड़ी खबर यह रही कि यह कंपनी अब यूनिकॉर्न बनने की राह पर है — यानी इसका मूल्यांकन $1 बिलियन (₹8,600 करोड़ से अधिक) होने वाला है। यह 2025 की पहली भारतीय यूनिकॉर्न कंपनी बनने जा रही है।
निष्कर्ष
Juspay का सफर एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और इनोवेशन की मदद से एक स्टार्टअप करोड़ों लोगों की ज़िंदगी को आसान बना सकता है। आज Juspay न सिर्फ भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है।
🦄 “Unicorn” शब्द का मतलब स्टार्टअप की दुनिया में
Unicorn शब्द का उपयोग स्टार्टअप जगत में उस निजी कंपनी के लिए किया जाता है, जिसका मूल्यांकन 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़ या उससे अधिक) हो चुका हो, लेकिन वह अभी तक शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट नहीं हुई हो।
🔍 शब्द की उत्पत्ति और अर्थ
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असली जीवन में “Unicorn” एक काल्पनिक जीव है – एक ऐसा घोड़ा जिसके सिर पर एक लंबा, सर्पिल सींग होता है।
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यह बहुत दुर्लभ माना जाता है – और इसी सोच से ये शब्द स्टार्टअप की दुनिया में भी इस्तेमाल किया जाने लगा।
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जब कोई स्टार्टअप बहुत तेज़ी से विकास करे और अरबों डॉलर का मूल्य हासिल कर ले, तो उसे “Unicorn” कहा जाता है – क्योंकि ऐसे स्टार्टअप भी बहुत कम संख्या में और दुर्लभ होते हैं।
📈 यूनिकॉर्न स्टार्टअप की मुख्य विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
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मूल्यांकन | $1 बिलियन या उससे अधिक |
स्वामित्व | निजी (Publicly traded नहीं) |
तेजी से ग्रोथ | कम समय में बड़ा विस्तार |
निवेशक | वेंचर कैपिटल फर्म्स, एंजेल इन्वेस्टर्स आदि |
क्षेत्र | अधिकतर तकनीकी, फिनटेक, हेल्थटेक, ई-कॉमर्स, एड-टेक आदि |
🇮🇳 भारत में यूनिकॉर्न कंपनियाँ
भारत में अब तक 100+ यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स बन चुके हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण:
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BYJU’S – एजुकेशन टेक्नोलॉजी
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Swiggy – फूड डिलीवरी
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Zerodha – फिनटेक
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OYO Rooms – हॉस्पिटैलिटी
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Paytm – डिजिटल पेमेंट्स
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Juspay – 2025 में यूनिकॉर्न बनने वाली पहली कंपनी
निष्कर्ष (संक्षेप में)
Unicorn शब्द सिर्फ किसी काल्पनिक प्राणी का नाम नहीं, बल्कि यह आज आधुनिक स्टार्टअप संस्कृति में बेमिसाल सफलता का प्रतीक बन चुका है। जब कोई नया बिज़नेस बहुत तेज़ी से आगे बढ़ता है और अरबों का मूल्यांकन हासिल करता है, तो वो स्टार्टअप “Unicorn” कहलाता है।
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