
भारत सरकार ने शिवसुब्रमण्यम रमन को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वे मई 2025 में दीपक मोहंती की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनका कार्यकाल पांच साल का होगा या जब तक वे 65 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाते, जो भी पहले हो।
शिवसुब्रमण्यम रमन: एक अनुभवी प्रशासक
शिवसुब्रमण्यम रमन 1991 बैच के भारतीय लेखा और लेखा परीक्षा सेवा (IA&AS) के अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर में वित्तीय प्रशासन और बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं।
प्रमुख भूमिकाएँ:
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SIDBI के चेयरमैन और एमडी (अप्रैल 2021 से)
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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के विकास में योगदान किया।
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उद्यमियों को वित्तीय सहायता देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
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लेखा और लेखा परीक्षा सेवा में कार्य
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उन्होंने भारत सरकार के विभिन्न वित्तीय विभागों में काम किया।
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वित्तीय सुधार और पारदर्शिता बढ़ाने में उनकी अहम भूमिका रही।
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PFRDA में उनकी भूमिका क्या होगी?
PFRDA भारत में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) जैसी योजनाओं का नियमन करता है। शिवसुब्रमण्यम रमन की नियुक्ति से इन योजनाओं को और मजबूत करने की उम्मीद है। उनकी प्राथमिकताएँ होंगी:
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पेंशन योजनाओं का विस्तार ताकि ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।
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डिजिटल सुधार और पारदर्शिता लाने पर ध्यान देना।
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निवेशकों के विश्वास को बढ़ाना और रिटायरमेंट सेविंग्स को अधिक प्रभावी बनाना।
निष्कर्ष
शिवसुब्रमण्यम रमन के पास सरकारी वित्तीय प्रशासन और बैंकिंग का गहरा अनुभव है। उनके नेतृत्व में PFRDA से उम्मीद है कि वह भारत में पेंशन और रिटायरमेंट सेविंग्स सिस्टम को और बेहतर बनाएगा, जिससे आम नागरिकों को भविष्य में अधिक सुरक्षित वित्तीय योजनाएँ मिलेंगी।
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) – संपूर्ण जानकारी:
PFRDA क्या है?

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority ) भारत में पेंशन प्रणाली को नियंत्रित और विकसित करने वाली एक स्वायत्त संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और पेंशन योजनाओं को पारदर्शी व प्रभावी बनाना है।
For More Information – https://www.pfrda.org.in/
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण का इतिहास
शुरुआत (2003) – PFRDA की स्थापना
भारत सरकार ने 10 अक्टूबर 2003 को PFRDA का गठन किया। इसका मुख्य उद्देश्य देश में निजी और सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था को व्यवस्थित करना और सुधारना था। पहले यह केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित था, लेकिन बाद में इसे आम नागरिकों के लिए भी खोला गया।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की शुरुआत (2004)
1 जनवरी 2004 को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) शुरू की गई, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य थी और बाद में इसे निजी क्षेत्र व आम जनता के लिए भी खोल दिया गया।
कानूनी मान्यता (2013)
PFRDA को 2013 में संवैधानिक मान्यता मिली, जब पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 लागू हुआ। इसके बाद, PFRDA को भारत में सभी पेंशन योजनाओं का नियमन करने का अधिकार मिल गया।
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण का कार्य और उद्देश्य
PFRDA का मुख्य उद्देश्य भारत में पेंशन योजनाओं को लोकप्रिय बनाना, उन्हें पारदर्शी और सुरक्षित बनाना और नागरिकों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्वतंत्रता देना है। इसके तहत, यह निम्नलिखित कार्य करता है:
1. पेंशन योजनाओं का नियमन और निगरानी
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PFRDA भारत में सभी पेंशन योजनाओं का नियमन और विकास करता है।
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यह पेंशन फंड मैनेजरों, एग्रीगेटर्स और अन्य संबंधित एजेंसियों की निगरानी करता है।
2. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) का प्रबंधन
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NPS को अधिक सुरक्षित, लाभदायक और सुगम बनाना।
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निजी और सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य व स्वैच्छिक पेंशन योजनाओं को नियंत्रित करना।
3. अटल पेंशन योजना (APY) को बढ़ावा देना
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कम आय वर्ग के लोगों को पेंशन सुविधा देने के लिए 2015 में अटल पेंशन योजना लॉन्च की गई।
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PFRDA इसका प्रबंधन करता है और लोगों को जागरूक करने का कार्य करता है।
4. नागरिकों के लिए पेंशन निवेश के अवसर बढ़ाना
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निजी कंपनियों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन योजनाओं से जोड़ना।
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पेंशन फंड में निवेश के लिए सुरक्षित और लाभदायक अवसर प्रदान करना।
5. डिजिटल सुधार और पारदर्शिता
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ऑनलाइन खाता खोलने, ई-केवाईसी और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना।
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निवेशकों को मोबाइल और वेब के माध्यम से NPS व APY का सुगम उपयोग उपलब्ध कराना।
PFRDA द्वारा संचालित प्रमुख योजनाएँ
1. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) एक योगदान आधारित पेंशन योजना है, जिसमें व्यक्ति अपनी इच्छा से एक निश्चित राशि निवेश करता है और सेवानिवृत्ति के बाद उसे पेंशन लाभ मिलता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की विशेषताएँ:
✔ सरकारी व निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध।
✔ दो प्रकार के खाते – टियर I (अनिवार्य) और टियर II (स्वैच्छिक)।
✔ निवेश को इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी बॉन्ड में विभाजित किया जाता है।
✔ आयकर में छूट (80CCD के तहत)।
2. अटल पेंशन योजना
2015 में शुरू की गई अटल पेंशन योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन लाभ देना है।
APY की विशेषताएँ:
✔ 18-40 वर्ष की आयु के लोग इसमें शामिल हो सकते हैं।
✔ न्यूनतम ₹1,000 से ₹5,000 तक मासिक पेंशन।
✔ सरकार द्वारा आंशिक योगदान।
✔ 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्राप्त होती है।
PFRDA के वर्तमान अध्यक्ष (2025)
भारत सरकार ने शिवसुब्रमण्यम रमन को PFRDA का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वे मई 2025 में दीपक मोहंती का स्थान लेंगे और उनका कार्यकाल पांच वर्षों तक रहेगा या जब तक वे 65 वर्ष के नहीं हो जाते।
शिवसुब्रमण्यम रमन की पृष्ठभूमि
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वे 1991 बैच के भारतीय लेखा और लेखा परीक्षा सेवा (IA&AS) के अधिकारी हैं।
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इससे पहले वे SIDBI (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे।
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वे बैंकिंग, वित्तीय नियमन और सरकारी प्रशासन में गहरा अनुभव रखते हैं।
उनकी प्राथमिकताएँ
✔ NPS और APY को और सशक्त बनाना।
✔ डिजिटल सुधार लाना और निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाना।
✔ अधिक लोगों को पेंशन योजनाओं से जोड़ना।
निष्कर्ष
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण भारत में पेंशन प्रणाली का एक मजबूत स्तंभ है, जो नागरिकों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाता है। NPS और APY जैसी योजनाओं ने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है। शिवसुब्रमण्यम रमन के नेतृत्व में, PFRDA से और अधिक सुधारों की उम्मीद की जा रही है, जिससे पेंशन सिस्टम अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनहितैषी बनेगा।
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